साल 2019 तो विदा हो रहा है लेकिन तमाम खुशियों के बीच साल 2019 बड़े ज़ख्म भी दे गया। आईये जानते हैं 2019 की वो बड़ी वारदात जो देश और दुनिया की सुर्खियां बन गईं।
जनवरी, 2019 2019 के पहले हफ्ते में 7 जनवरि 2019 को बिहार के एक शेल्टर होम से मासूम बच्चियों की चीख से पूरा देश सन्न रह गया। मुज़फ्फरपुर के ब्रजेश ठाकुर नामक सियासी दलाल सालों से बच्चियों को ना सिर्फ खुद की हवस का शिकार बना रहा था बल्कि उन्हें अपने दोस्तों और ताकतवर लोगों के सामने भी परोस रहा था। जब इस शेल्टर होम की कहानी सीबीआई ने 73 पन्नों में कलमबंद कर अदालत को सौंपी तब उन पन्नों में एक.दो नहीं बलकि 34 मासूम बच्चियों की चीखें कैद हुईं। रॉक स्टार बाबा राम रहीम के लिए भी 2019 का साल बुरी खबर ही लेकर आया। रेप के मामले में पहले से 20 साल की सज़ा काट रहे बाबा को पंचकुला की सीबीआई कोर्ट ने पत्रकार रामचंद्र प्रजापति के कत्ल के इलज़ाम में उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई।
फरवरी, 2019 6 फरवरी 2019 को एमपी के होशंगाबाद में पुलिस जब पॉश आनंद नगर इलाके में पहुंची तो उसके सामने एक लाश के करीब 500 टुकड़े, लकड़ी काटने वाली 4 आरियां, एक ड्रम भर कर एसिड, हड्डियां काटने के लिए चौकी और इन सब के बीच हाथों में लाश के टुकड़ों को एसिड से जलाने की कोशिश कर रहा शहर का नामी ऑर्थोपैडिक डॉक्टर सुनील मंत्री का दिल दैहला देने वाला मामला सामने आया था। मालूम करने पर सामने आया कि ये लाश किसी और की नहीं बल्कि डॉक्टर सुनील की महबूबा के पति की थी। 14 फरवरी 2019 का दिन देश कभी नहीं भूल सकता जब फुलवामा अटैक ने पूरे देश को हिला के रख दिया था। 14 फरवरी की सुबह जम्मू में सीआरपीएफ के ट्रांजिट कैंप से 78 गाडियों का एक काफिला रवाना हुआ था जिनमें करीब ढाई हजार जवान सवार थे। ये काफिला जब श्रीनगर के करीब पुलवामा पहुंचा तो एक एसयूवी गाड़ी सीआरपीएफ के काफिले के ठीक बीच तेजी से आई और दो बसों के बीच टकरा गई जिससे जबरदस्त धमाका हुआ और दोनों बसों के परखच्चे भी उड़ गए। एसयूवी में करीब 200 किलो विस्फोटक रखा हुआ था। इस हमले में 40 जवान बेवक्त शहीद हो गए।
मार्च, 2019 15 मार्च 2019 को न्यूजीलैंड में एक शख्स ने क्राइस्टचर्च शहर की दो मस्जिद में अपने ऑटोमेटिक राइफल से हमला कर दिया। इस खबर ने भी 2019 में काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इस घटना में करीब 100 राउंड गोलियां चली थीं और 49 लोंगो की जान गईं थीं। इत्तेफाक से उनमें से एक मस्जिद में उसी वक्त बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी जुमे की नमाज़ पढ़ने जा रहे थे मगर गोलियों की आवाज़ सुन कर वो फौरन वहां से निकल गए।
मई, 2019 24 मई को गुजरात में सूरत की चार मंजिला तक्षशिला कॉम्पेल्क्स में अचानक आग लगी। इसी बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर कोचिंग सेंटर चल रहा था और उस वक्त इंस्टीट्यूट में 40 से ज़्यादा बच्चे पढ़ रहे थे। आग लगने के बाद जान बचाने के लिए बिना सोचे.समझे बच्चों ने इमारत से छलांग मारनी शुरू कर दी थी। सूरत के इस अग्निकांड में 22 बच्चों की जान चली गई और 19 बुरी तरह ज़ख्मी हो गए थे।
अक्टूबर, 2019 18 अक्टूबर को लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उसी के दफ्तर में गला रेत कर हत्या करने का मामला सामने आया था। क़ातिल भगवा कुर्ता जींस पहन कर मिठाई का डब्बा लिए कमलेश के पास पहुंचे थे, उसी मिठाई के डिब्बे में चाकू व कट्टा भी था। जांच के बाद ये बात सामने आई कि कमलेश तिवारी के कत्ल के तार गुजरात से जुड़े थे और कमलेश तिवारी के एक आपत्तिजनक बयान की वजह से उन लोगों ने कमलेश का कत्ल किया था। 26 अक्टूबर की रात सीरिया के इद्लिब शहर में अमेरिकी डेल्टा कमांडोज़ ने बगदादी को उसके ठिकाने में घेर लिया था। हमले के वक्त बगदादी अपनी दो बीवियों के साथ मौजूद था जो अमेरिकी कमांडोज़ की फायरिंग में मारी गईं। मगर इससे पहले की कमांडोज़ बगदादी को मार पाते उसने खुद को धमाके से उड़ा लिया।
नवंबर, 2019 साल 2019 की सबसे अफसोसनाक वारदात जिसने पूरे देश को रुला दिया। 27-28 नवंबर की रात हाईदराबाद में वेटनरी डॉक्टर दफ्तर से घर जाने के लिए निकलीं थी मगर उसकी स्कूटी पंक्चर थी और फिर चार युवक उसे पंक्चर ठीक कराने के बहाने पहले उसे एक सुनसान इलाके में ले गए,जहां उसका गैंगरेप किया और फिर पेट्रोल डालकर उसे ज़िंदा जला दिया। इस घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया और देश भर में जमकर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया और कुछ ही दिनो बाद उन चारों का हाईदराबाद पुलिस द्वारा एनकाउंटर किया गया।
दिस्मबर, 2019 8 दिस्मबर को दिल्ली में एक अफसोसनाक हादसा हुआ। एक फैक्ट्री में आग लग गईण् इसमें 43 लोगों की मौत हो गई और करीब 60 लोग घायल हो गए। दरअसल, इस फैक्ट्री से निकलने का एक ही रास्ता था जिसकी वजह से ज्यादातर लोग फैक्ट्री के अंदर ही फंस गए और फिर साल के जाते जाते सरकार के एक फैसले ने पूरे देश को धर्म और जाति के नाम पर विवादों मे ड़ाल दिया। यह कानून है नागरिकता संशोधन कानून। देश में घुसपैठियों का मामला काफी समय से चर्चा का विषय था जिसके विश्य मे यह कानून देश भर मे लागू किया गया। इस कानून के तहत अफगानिस्तानए बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदूए सिखए बौद्धए जैनए पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था। इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है यानी इन तीनों देशों के ऊपर उल्लिखित छह धर्मों के बीते एक से छह सालों में भारत आकर बसे लोगों को नागरिकता मिल सकेगी। आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया। लेकिन इस कानून के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो गए।